अंगों का फड़कना

मानव शरीर की संवेदनशीलता अन्य प्राणियों की मुकाबले काफी अधिक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारा शरीर भविष्य में होने वाली अच्छी-बुरी घटनाओं के बारे में पूर्व में ही हमें सूचित कर देता है। यदि शरीर का कोई भी अंग फड़के तो हमें तुरंत समझ जाना चाहिए कि हमारा शरीर हमसे कुछ कहना चाहता है। शरीर के मध्य भाग तथा पैरों के विभिन्न हिस्सों के फड़कने पर क्या हो सकता है, इसका विवरण नीचे दिया गया है-
शरीर के मध्य अंगों का फड़कना
– पीठ फड़के तो विपदा में फंसने की संभावना रहती है।
– दाहिनी ओर की बगल फड़के तो नेत्रों का रोग हो जाता है।
– पसलियां फड़के तो विपदा आती है।
– छाती में फडफ़ड़ाहट मित्र से मिलने का सूचक होती है।
– ह्रदय का ऊपरी भाग फड़के तो झगड़ा होने की संभावना होती है।
– नितंबों के फड़कने पर प्रसिद्धि व सुख मिलता है।




पैर के विभिन्न हिस्सों का फड़कना
– दाहिनी ओर की जांघ फड़के तो अपमान होता है, बाईं ओर की फड़के तो धन लाभ होता है।
– गुप्तांग फड़के तो दूर की यात्रा पर जाना होता है।
– दाईं ओर का अंडकोष फड़के तो खोई वस्तु की प्राप्ति होती है, बाईं ओर का फड़के तो पुत्र से सुख और विदेश यात्रा का योग बनता है।
– दाहिनें पैर का तलवा फड़के तो कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, बाईं ओर का फड़के तो निश्चित रूप से यात्रा पर जाना होता है।

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